Thursday, December 27, 2018

कोटा: कोचिंग सेंटरों में छात्र क्यों कर रहे आत्महत्या

पुलिस के अनुसार कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. इस साल अब तक 19 छात्र मौत को गले लगा चुके है. मनोचिकित्सक कहते हैं कि तनाव के चलते प्रतियोगी छात्र ऐसे कदम उठा रहे है.

इन घटनाओं से कोचिंग इंडस्ट्री में उदासी का आलम है. अभिभावक मानते हैं कि इंजीनियर और डॉक्टर बनने का रास्ता कोटा होकर जाता है. इसीलिए देश भर से छात्र कोटा में इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश की तैयारी के लिए कोटा पहुंचते है. हर साल लगभग डेढ़ से दो लाख छात्र-छात्राएं चंबल नदी के तट पर बसे कोटा का रुख करते है.

जानकारों के मुताबिक कोटा में कोचिंग इंडस्ट्री दो हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का उद्योग है. मगर अब छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. कोचिंग संस्थान चलाने वालों को समझ में नहीं आ रहा है कि इन घटनाओं को कैसे रोकें.

कोटा में पुलिस, प्रशासन, कोचिंग संस्थान और अन्य संगठनों ने छात्र-छात्राओं में पढ़ाई का तनाव कम करने के बहुत से प्रयास किए. मगर घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही.

कोटा में एक बड़े संस्थान से जुड़े नितेश शर्मा कहते है, ''हम भी उतने ही चिंतित है जितने अभिभावक. संस्थानों ने बच्चों में सकारात्मक भाव बनाए रखने के लिए काफी कुछ किया है. संस्थानों ने अध्यात्म और योग गुरुओं से भी मदद ली है.''

वे बताते है कि श्री श्री रविशकर और बाबा रामदेव भी कोटा में विद्यार्थियों से सवांद कर चुके है. अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मैरी कॉम भी कोटा में छात्र-छात्राओं के बीच आ चुकी है. आगे भी प्रयास जारी है.

कोटा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मील ने बीबीसी से कहा, ''इन घटनाओं की संख्या बढ़ी है. हालांकि पुलिस और प्रशासन कोचिंग संस्थानों के साथ मिल कर बच्चों में नकारात्मकता को दूर करने का यत्न कर रहे हैं. लेकिन यह समस्या एक चुनौती बनी हुई है.''

कोटा के अन्य अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा ने बताया कि वर्ष 2017 में ख़ुदकुशी के सात मामले सामने आये थे. इसके पहले वर्ष 2016 में आत्महत्या की 16 घटनाएं हुई और इस साल अब तक 19 घटनाएं दर्ज़ की जा चुकी है.

इसी में आगे जोड़ते हुए मील कहते है, ''हाल ही में पुलिस प्रशासन ने संबंधित पक्षों के साथ बैठकें की है. हमने इज़ी एग्ज़िट पॉलिसी शुरू करवाई है. ताकि अगर कोई छात्र कोर्स के बीच में ही छोड़कर जाना चाहता है या उसका मन कोर्स करने का नहीं है तो वो आसानी से जा सकता है.''

मील बताते हैं कि इसके तहत छात्र जितने कोचिंग से जुड़ा होगा उतना ही पैसा लिया जाएगा और बाकि का एडवांस पैसा वापस कर दिया जायेगा. क्योंकि कई बार छात्र एडवांस फीस जमा होने के दबाव में कोर्स को बीच में छोड़ने की हिम्मत नहीं कर पाते.

Tuesday, December 18, 2018

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का विवादित चैरिटी फ़ाउंडेशन होगा बंद

डोनल्ड ट्रंप और उनके बच्चों पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने फ़ाउंडेशन के फ़ंड का ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से इस्तेमाल किया.

विवाद बढ़ता देख डोनल्ड ट्रंप अपनी फ़ैमिली चैरिटी 'ट्रंप फ़ाउंडेशन' को बंद करने पर राज़ी हो गए हैं.

दरअसल, न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड ने इस मामले में ट्रंप परिवार पर मुक़दमा दर्ज कराया था.

बारबरा अंडरवुड का आरोप था कि ट्रंप ने अपने व्यापारिक और राजनीतिक फ़ायदे के लिए फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल किया.

ट्रंप फ़ाउंडेशन को न्यायिक पर्यवेक्षण में भंग किया जाएगा और उसके बचे हुए फ़ंड को दूसरी चैरिटी को बांट दिया जाएगा.

अमरीकी राष्ट्रपति और उनके तीन बच्चे अब न्यूयॉर्क की किसी दूसरी चैरिटी के बोर्ड मेंबर भी नहीं बन सकेंगे. उनके ऐसा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

वहीं फ़ाउंडेशन के वकील ने अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.

ट्रंप और उनके परिवार के ख़िलाफ़ चल रहा ये अकेला क़ानूनी मामला नहीं है. ऐसे और भी कई मामलों ने ट्रंप परिवार की मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं.

2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप का मामला इनमें सबसे प्रमुख है. इस मामले की जांच एफ़बीआई के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट मुलर कर रहे हैं.

अभियोजन पक्ष का क्या कहना है?
अंडरवुड का कहना है कि ट्रंप और उनके बच्चे इवांका और एरिक के ख़िलाफ़ मामला जारी रहेगा.

ट्रंप की फ़ैमिली फ़ाउंडेशन को ज़्यादातर फ़ंड डोनेशन के ज़रिए मिलता था. अंडरवुड का आरोप है कि ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में इस फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल राजनीतिक हथकंडे के तौर पर किया.

अंडरवुड ने बताया ट्रंप की इस फ़ाउंडेश को न्यायिक पर्यवेक्षण में भंग किया जाएगा और इसकी 'संपत्ति को मेरे कार्यालय द्वारा स्वीकृत प्रतिष्ठित संस्थानों को बांट दिया जाएगा.'

उन्होंने कहा कि ये क़ानून की बड़ी जीत है, इससे साफ़ हो गया है कि क़ानून सबके लिए बराबर है

ट्रंप परिवार का क्या कहना है?
बीबीसी को दिए बयान में ट्रंप फ़ाउंडेशन के वकील ने कहा, "2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ही ट्रंप ने फ़ाउंडेशन को भंग करके इसकी संपत्ति परोपकारी कामों के लिए देना का फ़ैसला किया था. लेकिन दुर्भागय से न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल ने दो साल तक इसे भंग ही नहीं होने दिया, जिससे क़रीब 1.7 मीलियन डॉलर ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंच सका."

उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में फ़ाउंडेशन ने 700 विभिन्न चैरिटी संस्थाओं को क़रीब 19 मीलियन डॉलर बांटें हैं. इनमें राष्ट्रपति के 8.25 मीलियन डॉलर का भी योगदान है. ये पैसा उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिया था."

Friday, December 14, 2018

सेना को रोजगार का जरिया न समझें, नौकरी चाहिए तो रेलवे में जाएं

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने हिदायत दी है कि लोग सेना को रोजगार का एक मौका समझते हैं, उन्हें इस सोच से बाहर निकलने की जरूरत है। सेना में शामिल होने के लिए उनको शारीरिक और मानसिक दोनों तौर पर मजबूत होना चाहिए। रावत ने उन सैनिकों के चेतावनी भी दी जो कर्तव्य से बचने या फायदा पाने के लिए बीमारी या शारीरिक लाचारी की आड़ लेते हैं।

जो वास्तव में जूझ रहे हैं, उनकी मदद की जाएगी
रावत ने यह भी भरोसा दिलाया कि जो पूर्व और वर्तमान सैनिकों ने ड्यूटी के दौरान अपना कोई अंग गंवाया, उनकी पूरी मदद की जाएगी। रावत ने चेतावनी देते हुए कहा- सेना को रोजगार देने वाली संस्था नहीं है। अपने दिमाग से यह गलतफहमी निकाल दें। अगर आप आर्मी ज्वाइन करते हैं तो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए। हमेशा कठिन हालात का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

रावत के मुताबिक- कई लोग मेरे पास आते हैं और सेना में नौकरी लगाने की बात कहते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि भारतीय सेना नौकरी का साधन नहीं है। नौकरी लेनी है तो रेलवे में जाएं या अपना बिजनेस खोल लीजिए।

रावत पुणे के एक समारोह में दक्षिणी, दक्षिणी-पश्चिमी और मध्य कमांड के वर्तमान और सेवानिवृत 600 दिव्यांग सैनिकों के बीच गुरुवार को बोल रहे थे। आर्मी ने 2018 को 'ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुए सैनिकों का वर्ष' घोषित किया है।

कर्तव्य से न बचें
रावत ने कहा- मैं कई ऐसे सैनिकों और अफसरों को जानता हूं जो खुद को हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, डाइबिटीज से पीड़ित बताते हैं और चुनौती वाली पोस्टों पर नियुक्ति से राहत चाहते हैं। ये लोग दरअसल शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर होते हैं और तनाव झेल नहीं पाते। अगर वास्तव में अक्षम सैनिक जबर्दस्त प्रदर्शन कर सकता है तो उन्हें शर्म आनी चाहिए।

रावत के मुताबिक- सैनिक और अफसर जिन मुश्किल हालात में काम करते हैं, इस बात को हम बखूबी जानते हैं। जो डॉक्टर आपको मेडिकल सहायता देते हैं, वे भी यह जानते हैं कि जब वे सही और गलत का निर्णय लेते हैं, तो कुछ लोग अदालत में जाते हैं। अदालत के फैसले के बाद सैनिक गर्व से कहते हैं कि उन्हें अक्षमता पेंशन मिली।

आर्मी चीफ ने कहा- भारतीय सेना आपकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर आपको किसी भी तरह की तकलीफ है तो इसके लिए आप अपनी यूनिट को पत्र लिख सकते हैं। अगर आपको कोई मदद नहीं मिलती तो इसके लिए आर्मी द्वारा नियुक्त अफसर को मैसेज करें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि आपको एक महीने में जवाब मिल जाएगा।

法国总统:称赞中国处理疫情手法有进步的说法“天真”

法国总统马克龙(Emmanuel Macron)早前接受英国传媒访问时批评4月中旬, 色情性&肛交集合 全球多个疫苗团队 色情性&肛交集合 宣布取得进展的同时, 色情性&肛交集合 中国宣布第一波疫情已经得到控制, 色情性&肛交集合 中国在全球的新冠研究 色情性&肛交集合 的临床...