Thursday, October 18, 2018

पुलिस सुरक्षा में मंदिर जा रहीं दो महिलाएं, प्रदर्शनकारी कर रहे रोकने की कोशिश

तिरुवनंतपुरम.   केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है। शुक्रवार को हैदराबाद के मोजो टीवी की पत्रकार कविता जक्कल और सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा मंदिर जाने की कोशिश कर रही हैं। पुलिस उन्हें मंदिर ले जा रही है। उन्हें 150 जवान सुरक्षा दे रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से उन्हें हेलमेट पहनाया गया

इस बीच सुबह से ही मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, आईजी एस श्रीजीत ने कहा कि पुलिस सबरीमाला में किसी तरह का टकराव नहीं चाहती। खासकर श्रद्धालुओं के साथ तो बिलकुल नहीं। पुलिस केवल कानून का पालन कर रही है। इससे पहले, दो महिलाएं मंदिर के करीब पहुंचने में कामयाब रहीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया था।

मुख्य पुजारी ने कहा- हम इस परंपरा को नहीं तोड़ेंगे : इससे पहले गुरुवार को सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी कंडारू राजीवारू ने अपील की थी कि 10-50 साल की आयु की महिलाएं मंदिर में न आएं। राजीवारू ने उन खबरों को नकार दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि पुजारी परिवार ने 10-50 साल की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने पर मंदिर बंद करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि मासिक पूजा और दूसरे अनुष्ठानों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। हम इस परंपरा को नहीं तोड़ेंगे।

दूसरे दिन भी किसी महिला ने दर्शन नहीं किए:  मंदिर के पट खुलने के दूसरे दिन भी कोई महिला श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन नहीं कर पाई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में गुरुवार को कई संगठनों ने बंद बुलाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुहासिनी राज पंबा नदी तक पहुंचने वालीं पहली महिला बनीं, लेकिन वे मंदिर तक नहीं पहुंच पाईं। प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध के चलते उन्हें यहीं से लौटना पड़ा। सुहासिनी न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार हैं और यहां मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन को कवर करने गई थीं। सुहासिनी राज की सुरक्षा में कमांडो भी शामिल थे। लेकिन, मंदिर के कुछ किलोमीटर पहले ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इसके बाद उन्हें पंबा बेस कैंप ले जाया गया।

800 साल से जारी प्रथा : सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के फैसले के खिलाफ केरल के राजपरिवार और मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी। यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। प्रथा 800 साल से चली आ रही थी

हर साल 5 करोड़ लोग करते हैं दर्शन :  सबरीमाला मंदिर पत्तनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्वक्षेत्र में है। 12वीं सदी के इस मंदिर में भगवान अय्यप्पा की पूजा होती है। मान्यता है कि अय्यपा, भगवान शिव और विष्णु के स्त्री रूप अवतार मोहिनी के पुत्र हैं। दर्शन के लिए हर साल यहां साढ़े चार से पांच करोड़ लोग आते हैं

पुणे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को साईं समाधि शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए शिरडी पहुंचे। उन्होंने साईं बाबा की आरती में हिस्सा लिया। वह श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई निर्माण कार्यों की नींव भी रखेंगे।इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने सुबह महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को हिरासत में ले लिया। उन्होंने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर मोदी से मिलने की इच्छा जताई थी। पुलिस को लिखी चिट्ठी में धमकी दी थी कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री से नहीं मिलने दिया तो वे उनका काफिला रोक देंगी।

法国总统:称赞中国处理疫情手法有进步的说法“天真”

法国总统马克龙(Emmanuel Macron)早前接受英国传媒访问时批评4月中旬, 色情性&肛交集合 全球多个疫苗团队 色情性&肛交集合 宣布取得进展的同时, 色情性&肛交集合 中国宣布第一波疫情已经得到控制, 色情性&肛交集合 中国在全球的新冠研究 色情性&肛交集合 的临床...